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*सर्वजन की सरकार में व्यापारियों का भयादोहन उचित नहीं, माननीय मुख्यमंत्री शीघ्र हस्तक्षेप करें - चैम्बर* | वर्षों से चल रहे दुकानों को आज अवैध घोषित करके तोडना और सील करने की नोटिस देकर परेशान करना सही नहीं है। निगम को यह सोचना चाहिए कि ऐसी दुकानों से सरकार और निगम को विभिन्न श्रोतों से राजस्व भी मिलता है। यही स्थिति कमोबेश पूरे झारखण्ड की है तो क्या पूरे झारखण्ड में व्यापारिक गतिविधियों को बंद कर वीरान कर दिया जायेगा? ऐसे भवनो को तोडना नेशनल वेल्थ का नुकसान है जिसपर निगम को पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। उक्त बातें आज फेडरेशन चैम्बर के नेतृत्व में अग्रसेन भवन में आयोजित व्यापारियों की आमसभा में कही गई। व्यापारियों की समस्या को देखते हुए चैम्बर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा फेडरेशन चैम्बर इस मामले में अपने व्यापारियों के साथ खड़ा है। किसी भी व्यापारिक प्रतिष्ठान को सील नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने इस मामले में माननीय मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील करते हुए व्यापारियों को आश्वस्त किया कि हमें पूर्ण विश्वास है कि राज्य के युवा एवं जुझारू मुख्यमंत्री जी इस मामले में खुलकर हमारे साथ आएंगे और हमारी समस्याओं के निदान की पहल करेंगे। बैठक के दौरान उपस्थित फेडरेशन चैम्बर के को-ऑर्डिनेशन विथ पोलिटिकल उप समिति की चेयरपर्सन महुआ मांझी ने इस मामले में माननीय मुख्यमंत्री से शीघ्र मिलकर समस्याओं के निदान के लिए आश्वस्त किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि मैं जन की समस्याओं पर आंदोलन के लिए मैं हमेशा उपलब्ध हूं, किसी भी प्रतिष्ठान को सील करते समय विरोध के लिए मैं सबसे पहले उपलब्ध रहूँगा। निगम की कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए चैम्बर उपाध्यक्ष दीनदयाल बरनवाल ने कहा कि केवल एक अधिकारी के निर्णय से शहर में व्यापारिक गतिविधियों को शिथिल कर देना उचित नहीं है. क्या नगर आयुक्त ने इस निर्णय में निगम के महापौर, उप महापौर और वार्ड पार्षदों को विश्वास में लिया है? यदि निगम द्वारा अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया गया तब, व्यापारी आंदोलन के लिए विवश होंगे। निगम की कार्रवाई से चिंतित व्यापारियों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि अपर बाजार के व्यापारिक प्रतिष्ठान तब से हैं जब नगर निगम का कोई अस्तित्व नहीं था न ही कोई बिल्डिंग बाई लॉज प्रभावी था। जिस बिल्डिंग को सील करने की नोटिस दी गई है, ऐसे सभी भवनों से वर्षो से निगम द्वारा होल्डिंग टैक्स भी लिया जा रहा है। समय के साथ आबादी बढ़ी, ऐसी परिस्थिति में समन्वय बनाकर चीजों को सुव्यवस्थित करने के बजाय निगम द्वारा आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित करना कहां तक उचित है। व्यापारियों ने यह भी कहा कि निगम का यह निर्णय हमें किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं है। चैम्बर के निवर्तमान अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने कहा कि अब आरआरडीए क्षेत्र में बने भवनों से भी नक्शा मांगा जा रहा है जबकि भवन निर्माण के समय आरआरडीए अस्तित्व में ही नहीं था। चैम्बर महासचिव राहुल मारू ने कहा कि सरकार ने पूर्व में भी नियमितीकरण योजना लाई थी जिसमें फाइन और अन्य प्रावधान व्यवहारिक नहीं थे, जिस कारण अधिक लोग इसका लाभ नहीं उठा सके। व्यापारियों की चिंता को देखते हुए सरकार को अब अधिक विलम्ब नहीं करते हुए बिल्डिंग रेगुलराईजेशन स्कीम लानी चाहिए। इससे लोग अपने भवनों का शुल्क देकर रेगुलराईज करा सकेंगे जिससे सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होगी एवं इस समस्या का स्थाई समाधान हो सकेगा। आज की बैठक में चैम्बर अध्यक्ष धीरज तनेजा, उपाध्यक्ष दीनदयाल बरनवाल, महासचिव राहुल मारू, सह सचिव रोहित अग्रवाल, कोषाध्यक्ष मनीष सर्राफ, पूर्व अध्यक्ष के. के पोद्दार, प्रवीण जैन छाबड़ा, पवन शर्मा, रतन मोदी के अलावा झारखण्ड थोक वस्त्र विक्रेता संघ, रेडीमेड होसियारी वस्त्र विक्रेता संघ, सोना चांदी व्यवसायी समिति के अलावा अपर बाजार के सैकड़ों व्यापारी उपस्थित थे। - *राहुल मारू* महासचिव | 01-Feb-22 |
बिल्डिंग रेगुलराइजेषन बिल लाना ही एकमात्र विकल्प-चैंबर | रांची नगर निगम द्वारा दुकानों को सील किये जाने की सूचना प्राप्ति पर आज फेडरेषन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के नेतृत्व में सैकडों व्यापारियों ने गांधी चौक (अपर बाजार) में दुकानें बंद कर विरोध जताया। इस मामले में देर शाम तक व्यापारियों के पक्ष में फैसला आने पर चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने माननीय न्यायालय के प्रति आभार जताया। उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम का मुख्य कार्य शहर को संचालित करना, सुव्यवस्थित करना तथा यहां रहनेवाले लोगों की सुविधाओं का ख्याल रखना है। इस कार्य के लिए निगम को लोगों से राजस्व की प्राप्ति भी होती है। शहर में वर्षों पूर्व निर्मित भवनों को रेगुलराइज करने की सहमति जब निगम की बोर्ड बैठक में दे दी गई है फिर दुकानों को सील करना और तोडने का आदेष देने के पीछे क्या मंषा है, यह समझ से परे है। आज 12 दुकानें तोडने की बात हो रही है, आगे और भी नोटिसें निर्गत होनी हैं। जब इन दुकानों से प्रत्यक्ष तौर पर लगभग 10 हजार लोगों की आजीविका जुडी हुई है। एक ऐसे समय में जब माननीय मुख्यमंत्री जी, राज्य में रोजगार सृजन के लिए संघर्षरत हैं, वहीं दूसरी ओर प्रदेष में बेरोजगारी बढाने के लिए प्रषासन की भूमिका समझ से परे है। हम पुनः सरकार से मांग करते हैं जनहित में इस समस्या के स्थाई समाधान हेतु एक व्यवहारिक बिल्डिंग रेगुलराइजेषन बिल लाई जाय। यह केवल रांची शहर का मामला नहीं वरन् पूरे प्रदेष का मामला है। समस्या के समाधान में विलंब से बेवजह अराजकता की स्थिति बन रही है। चैंबर अध्यक्ष ने यह भी कहा कि हमारे इस विरोध प्रदर्षन में श्री सीपी सिंह, श्रीमती महुआ मांझी, श्री सुबोधकांत सहाय के अलावा निगम की महापौर एवं उपमहापौर का आना और समर्थन करना यह दर्षाता है कि हम न्यायोचित मांग कर रहे हैं। जब इस मामले में सभी राजनीतिक दलों का समर्थन है तब क्यों समस्या के समाधान में विलंब किया जा रहा है। उचित होगा कि राज्य में सरल नीति लाकर ऐसे सभी भवनों को रेगुलराइज किया जाय। इससे निगम के राजस्व में भी वृद्धि होगी। आज के विरोध प्रदर्षन में चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा, उपाध्यक्ष राहुल साबू, दीनदयाल बरनवाल, महासचिव राहुल मारू, सह सचिव विकास विजयवर्गीय, रोहित अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य अमित शर्मा, वरूण जालान, किषोर मंत्री, आदित्य मल्होत्रा, नवजोत अलंग, प्रवीण लोहिया, अनिष बुधिया, पूर्व अध्यक्ष दीपक कुमार मारू, पवन शर्मा, प्रवीण जैन छाबडा, सदस्य प्रमोद सारस्वत, बिंदुल वर्मा, अमित किषोर, साहित्य पवन, झारखण्ड थोक वस्त्र विक्रेता संघ, सोना चांदी व्यवसायी समिति, रांची ब्रोकर एसोसियेषन, जेजे रोड ट्रेडर्स एसोसियेषन, आरजीटीए, प्लाइवुड डीलर्स एसोसियेषन, रेडिमेड होजियरी एसोसियेषन, श्रद्धानंद पथ दुकानदार समिति के अलावा अपर बाजार क्षेत्र के सैकडों व्यापारी सम्मिलित थे। राहुल मारू महासचिव | 02-Feb-22 |
बिल्डिंग रेगुलराइजेशन के मुद्दे पर नगर विकास विभाग के साथ वार्ता | व्यापारियों की चिंता को देखते हुए आज फेडरेषन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ने नगर विकास विभाग के सचिव श्री विनय कुमार चौबे से मिलकर झारखण्ड में वर्षों पूर्व निर्मित भवनों को रेगुलराइज करने हेतु बिल्डिंग रेगुलराइजेषन स्कीम लाये जाने की मांग की। चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि निगम द्वारा एक नियमित अंतराल पर भवनों को सील करने एवं ध्वस्त करने के दिये जानेवाले नोटिसों से लोगों में चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसी इमारतों के ध्वस्त होने से जिले में नगर नियोजन और प्रबंधन की प्रक्रिया बाधित होगी क्योंकि कई इमारतों में बनी हुई दुकानें भवन मालिकों की आजीविका का मुख्य स्त्रोत है तथा यहां से होनेवाले व्यापार से राज्य सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति होती है। यही समस्या आरआरडीए क्षेत्र में भी बनी हुई है। आरआरडीए क्षेत्र में अवस्थित भवनों से भी नक्षों की मांग की जा रही है जबकि तत्कालीन समय मंे आरआरडीए अस्तित्व में ही नहीं था। उन्होंने अन्य राज्यों की तर्ज पर झारखण्ड में एक सरल बिल्डिंग रेगुलराईजेषन स्कीम लाने का अनुरोध किया। बैठक के दौरान चैंबर ने राजधानी रांची की तर्ज पर धनबाद, देवघर एवं जमषेदपुर में ट्रांस्पोर्ट नगर निर्माण की आवष्यकता भी महसूस की। इसी प्रकार रांची, धनबाद एवं जमषेदपुर में यातायात की बढती समस्या के समाधान हेतु अतिरिक्त फ्लाईओवर के निर्माण के साथ ही साहेबगंज जिलेवासियों की वर्षों से लंबित मांग साहेबगंज पूर्वी एवं पष्चिमी रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज का निर्माण जो रेलवे एवं राज्य सरकार से अनुषंषित है, का कार्य शीघ्र पूर्ण कराने का आग्रह किया गया। विभागीय सचिव श्री विनय कुमार चौबे ने अवगत कराया कि आनेवाले दो वर्षों में राजधानी रांची में तीन फ्लाईओवर का निर्माण प्रस्तावित है। इससे शहर में यातायात की समस्या का समाधान संभव होगा। साथ ही उन्होंने साहेबगंज पूर्वी एवं पष्चिम क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज के निर्माण की दिषा में भी यथोचित पहल का आष्वासन दिया। प्रतिनिधिमण्डल में चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा एवं महासचिव राहुल मारू सम्मिलित थे। | 02-02-22 |
rfw | fesf | 14-Nov-22 |