राज्य के क्रशर उद्योगों की समस्या पर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के साथ वार्ता
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खनन पट्टे से 5 कि0मी0 की दूरी के अंदर ही क्रशर का संचालन करने के झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद् के पूर्व के लिये गये निर्णय से क्रशर संचालकों की परेशानियों को देखते हुए आज झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष शशिकर सामंता और सदस्य सचिव वाई के दास से मुलाकात कर इस निर्णय को शिथिल करने की मांग की। प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि बोर्ड के इस नियम के प्रभावी होने से प्रदेश में पूर्व से संचालित अधिकांश क्रशर के बंद होने की संभावना बनेगी। माईंस एंड मिनरल उप समिति के चेयरमेन नितेश शारदा ने कहा कि राज्य में वर्ष 2022 से अधिकांश खनन पट्टों की अवधि समाप्त हो गई है जिस कारण इस नियम के प्रभावी हो जाने से अधिकांश क्रशर उद्योग प्रभावित होंगे। उद्योगों के बंद होने की स्थिति में क्रशर व्यवसायियों को वित्तिय नुकसान तो होगा ही, इस उद्योग से जुडे लाखों लोगों के समक्ष बेरोजगारी की समस्या भी उत्पन्न हो जायेगी और राज्य सरकार को भी राजस्व का बडा नुकसान होगा। उल्लेखनीय है कि राज्य में कुल 4057 क्रशर प्रोसेसिंग यूनिट हैं जिनमें 315 सस्पेंडेड हैं और वर्तमान में 3742 एक्टिव हैं।
प्रतिनिधिमंडल की सभी बातों को गंभीरतापूर्वक सुनने के उपरांत पॉल्यूशन बोर्ड के अध्यक्ष शशिकर सामंता ने बोर्ड के इस नियम के प्रभावी होने से राज्य में कुल प्रभावित होनेवाले क्रशर उद्योगों की जिलावार सूचि की मांग झारखण्ड चैंबर से की और कहा कि सूचि के अनुसार बोर्ड द्वारा भविष्य में एक बार पुनः बैठक करके इस समस्या के निदान की पहल की जायेगी। सदस्य सचिव वाईके दास ने कहा कि पॉल्यूशन बोर्ड राज्य में किसी भी स्थापित उद्योग को बंद नहीं करना चाहता है। पर्यावरण के क्षेत्र में कारगर रूप से कार्य हेतु ही बोर्ड द्वारा यह निर्णय लिया गया है। क्रशर उद्योगों की कठिनाईयों को देखते हुए बोर्ड द्वारा भविष्य में इस निर्णय से सकारात्मक राहत दिये जाने के लिए भी उन्होंने आश्वस्त किया।
प्रतिनिधिमण्डल में चैंबर उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, माईंस एण्ड मिनरल उप समिति के चेयरमेन नितेश शारदा, को-चेयरमेन डॉ0 नीरज कुमार सिंह, झारखण्ड राज्य माईंस एंड क्रशर एसोसियेशन के सचिव पंकज सिंह और रांची जिला क्रशर एसोसियेशन के सचिव मोईज अख्तर भोलू शामिल थे।
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परेश गट्टानी विकास विजयवर्गीय
महासचिव प्रवक्ता
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