स्किल गैप एनालिसिस पर कार्यशाला का आयोजन
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आइपीई ग्लोबल लिमिटेड (अंतर्राष्ट्रीय विकास क्षेत्र परामर्श संगठन) और जेएसएलपीएस ने संयुक्त रूप से झारखण्ड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार के सहयोग से आज प्रोजेक्ट भवन के सभागार में उद्योग प्रतिनिधियों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा के अलावा जेसिया, तुपुदाना, कोकर, नामकोम, टाटीसिलवे, बरही औद्योगिक क्षेत्र एसोसियेशन के लगभग 60 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
कार्यषाला में जियाडा के प्रबंध निदेशक शषि रंजन के अलावा पैनलिस्ट के तौर पर जेएसएलपीएस के सीइओ राकेश कुमार और हसनैन वारशी उपस्थित थे। कार्यशाला का संचालन आईपीई ग्लोबल के एसोसियेट डायरेक्टर गौरव वर्मा ने किया जिसमे अर्ध कुषल और कुशल श्रम बल की आपूर्ति में प्रमुख बाधाएं, उन चुनौतियों को दूर करने के कदम और राज्य में कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में उद्योग जगत कैसे समर्थन कर सकता है, इसपर विस्तृत चर्चा हुई।
चैंबर उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने प्रदेश में श्रम और रोजगार की स्थिति, उद्योग में स्वचालन के प्रभाव और औद्योगिक विकास के लिए तत्परता पर अपने विचार साझा किये। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में लोगों को दी जा रही स्किलिंग को प्रदेश के उद्योगों के अनुकूल बनाने पर उन्होंने जोर दिया और कहा कि अभ्यर्थी की रूचि और उद्योगों की जरूरत के अनुसार स्किलिंग करना बेहद जरूरी है। उद्योगों के पास प्रशिक्षण देने के लिए पर्याप्त संशाधन और समय उपलब्ध नहीं है। उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप यदि श्रम बल की उपलब्धता और आपूर्ति बढेगी तब प्रदेश से माइग्रेशन को रोकना संभव होगा और इससे स्थानीय युवा अपने प्रदेश में ही रोजगार प्राप्त कर पायेंगे। प्रायः यह देखा जाता है कि स्किलिंग के आधार पर जिसे जॉब मिलता है, वे दूसरा काम करना चाहते हैं अथवा उद्योगों को उनकी जरूरत के अनुसार कुशल श्रमबल उपलब्ध नहीं हो पाता है। ऐसे में यह प्रतीत होता है कि कौशल विकास विभाग द्वारा दी जा रही ट्रेनिंग उद्योगों की जरूरतों के अनुकूल नहीं है। उन्होंने ऑन जॉब ट्रेनिंग देने की बात भी कही।
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परेश गट्टानी विकास विजयवर्गीय
महासचिव प्रवक्ता
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