प्रेस विज्ञप्ति (दिनांक :08/04/2024)*
श्रम सचिव के साथ झारखण्ड चैंबर की बैठक
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न्यूनतम मजदूरी की दर के पुनर्निरीक्षण की मांग
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न्यूनतम मजदूरी की दरों में की गई बढोत्तरी से व्यापार और उद्योग जगत के समक्ष होनेवाली परेशानी पर वार्ता के लिए अध्यक्ष किशोर मंत्री के नेतृत्व में झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स की एक बैठक नेपाल हाउस में श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के सचिव मुकेश कुमार के साथ हुई। प्रतिनिधिमंडल ने बढ़ाई गई दर को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अनुचित बताया और इसके पुनर्निरीक्षण की मांग की। चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि झारखण्ड में पूर्व से लागू न्यूनतम मजदूरी की दरों में लगभग 27 से 33 फीसदी वृद्धि की गई है जबकि हमने 16.10.2023 को ही विभाग को अपनी आपत्ति और सुझाव देते हुए यह सुझाया था कि पूर्व की दर से अधिकतम 5 फीसदी वृद्धि ही की जाय। चिंतनीय है कि हमारे प्रतिवेदन पर बिना विचार किये या वार्ता किये, नई दर को अव्यवहारिक रूप से प्रभावी कर दिया गया है जिससे कामगारों की भी आजीविका प्रभावित होने की आशंका उत्पन्न हो गई है।
न्यूनतम मजदूरी की दर में बढ़ोत्तरी के लिये गये निर्णय पर विभागीय सचिव ने विभागीय अधिकारियों के पक्ष को भी सुना और जानना चाहा कि इस वृद्धि को इतना बढ़ाने का कारण क्या है ? चैंबर ने भी अपना पक्ष रखते हुए इस बात पर जोर देते हुए कहा कि कोई भी नियोक्ता यदि वर्तमान बढोत्तरी के आधार पर वेतन का भुगतान करेगा तब वह योग्य कामगार को ही प्राथमिकता देगा। ऐसे में अकुशल कामगारों के समक्ष बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
चैंबर महासचिव परेश गट्टानी ने कहा कि दिनांक 01.10.2019 में न्यूनतम मजदूरी का पुर्ननिरीक्षण किया गया था और प्रत्येक छह माह पर महंगाई में बढ़ोत्तरी के आधार पर वीडीए की बढ़ोत्तरी की जाती रही है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि विगत चार वर्षों में 28 फीसदी बढ़ोत्तरी हो चुकी है। इस तथ्य को भी न्यूनतम मजदूरी पुर्ननिरीक्षण के संबंध में एक मजबूत आधार माना जाना चाहिए। कार्यकारिणी सदस्य रोहित पोद्दार ने अन्य राज्यों में वृद्धि की तुलनात्मक विवरणी प्रस्तुत करते हुए यह दिखाया कि हमारे राज्य में की गई वृद्धि अन्य विकसित राज्यों से भी अधिक है, जिसकी समीक्षा जरूरी है।
विभागीय सचिव मुकेश कुमार ने सकारात्मक रूख दिखाते हुए तुरंत ही एक कमिटी का गठन करने और मजदूरी दरों के रिवीजन के लिए निर्देशित किया। यह भी कहा कि यह कमिटी चैंबर के साथ बैठकर अन्य राज्यों की दरों की तुलना और दरों का अध्ययन करने के बाद निर्णय लेगी।
बैठक में श्रमायुक्त एवं उप श्रमायुक्त राजेश कुमार के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थें। चैंबर के प्रतिनिधिमण्डल में अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, महासचिव परेश गट्टानी, सह सचिव शैलेष अग्रवाल, अमित शर्मा, कार्यकारिणी सदस्य रोहित पोद्दार और हॉस्पिटल एसोसियेशन से योगेश गंभीर शामिल थे।
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परेश गट्टानी विकास विजयवर्गीय
महासचिव प्रवक्ता
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